हिमालय
मेरे नगपति! मेरे विशाल! साकार, दिव्य, गौरव विराट्, पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल! मेरी जननी के हिम-किरीट! मेरे भारत के दिव्य भाल! मेरे नगपति! मेरे विशाल!... 1 min
मेरे नगपति! मेरे विशाल! साकार, दिव्य, गौरव विराट्, पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल! मेरी जननी के हिम-किरीट! मेरे भारत के दिव्य भाल! मेरे नगपति! मेरे विशाल!... 1 min