मीरा बाई का भजन – पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु किरपा कर अपनो नाम बतायो।। जनम जनम की पूँजी पाई जागत खेलत सोई।सत चित...
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु किरपा कर अपनो नाम बतायो।। जनम जनम की पूँजी पाई जागत खेलत सोई।सत चित...
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो।भोर भयो उठत जसोदा, मैं जानत खायो।। यह सूरदास जी का प्रसिद्ध पद है जिसमें बालक कृष्ण माता यशोदा से...
जाके प्रिय न राम बैदेही। तजिए तास कोटि वैरी सम जदपि परम सनेही।। यह तुलसीदास जी की प्रसिद्ध चौपाई है जो श्रीराम और सीता जी...
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोडो सिलेल।तोडे बहुरि और मिले, मिले न सेम के तेल।। यह रहीम जी का प्रसिद्ध दोहा है जो प्रेम और...
कबिरा खड़ा बाजार में, लेकर रोजका रोजागि।तेजिसया वै गएएए, रहे कबीरा सोयागि।। यह कबीरदास जी का प्रसिद्ध दोहा है जो जीवन की बदलती परिस्थितियों में...